सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार: मंच द्वारा विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनके माध्यम से जनमानस में सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों, परंपराओं और जीवनशैली के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाती है।
बच्चों में सांस्कृतिक शिक्षा का संचार: वर्तमान समय में पाश्चात्य प्रभाव के कारण युवा वर्ग अपनी संस्कृति से विमुख हो रहा है। मंच का उद्देश्य है कि बच्चों को उनकी जड़ों से जोड़ते हुए, उन्हें सनातन धर्म, भारतीय इतिहास, शास्त्रों और नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान की जाए।
समाज में व्याप्त कुप्रथाओं का उन्मूलन: मंच सामाजिक कुरीतियों जैसे – नशाखोरी, जातिवाद, अंधविश्वास, कन्या भ्रूण हत्या आदि के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाकर एक स्वस्थ और समरस समाज के निर्माण की दिशा में कार्य करता है।
भारतीय संस्कृति और परंपराओं की रक्षा: मंच भारत की गौरवशाली संस्कृति, संस्कार और जीवन दृष्टिकोण की रक्षा एवं पुनर्जागरण के लिए समर्पित है। पारंपरिक त्योहारों, अनुष्ठानों और उत्सवों के आयोजन द्वारा इसकी जीवंतता बनाए रखी जाती है।
सनातन मानव मूल्यों की रक्षा: मंच उन मूलभूत सनातन मानवीय सिद्धांतों की रक्षा करता है जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’, ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ जैसे विचारों में निहित हैं।
“हिन्दू कल्याण मंच” केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और धार्मिक आंदोलन है — जिसका उद्देश्य सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और मूल्यों की पुनर्स्थापना करना है। यह मंच हमारी महान सभ्यता की जड़ों को मजबूती प्रदान करने वाला एक ऐसा सशक्त माध्यम है, जो संस्कृति, संस्कार, आध्यात्मिकता और नैतिकता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।
मंच का उद्देश्य न केवल समाज को नई दिशा देना है, बल्कि आज की भटकी हुई पीढ़ी को उनके गौरवशाली अतीत, धर्म, शास्त्रों और आदर्श पुरुषों की शिक्षाओं से जोड़ना भी है — जिससे उनमें आत्मविश्वास, आत्मगौरव और सांस्कृतिक चेतना का पुनर्जागरण हो सके।
यह मंच रामायण, श्रीराम कथा, रावण दहन, धार्मिक अनुष्ठानों, उत्सवों, एवं बाल संस्कार कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने हेतु संकल्पबद्ध है। ‘हिन्दू कल्याण मंच’ एक ऐसा प्रयास है, जो आने वाले युगों के लिए धर्म, संस्कृति और मानव मूल्यों की अमिट छाप छोड़ने के लक्ष्य के साथ प्रतिबद्ध है।
अर्थ: जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है; संस्कृति जीवन का आधार है।